Kaagaz 2 Review | आम इंसान के दर्द को उकेरने के साथ राजनीतिक व सामाजिक व्‍यवस्‍था पर चोट करती है ‘कागज 2’1 min read

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Kaagaz 2 : आजकल की जिंदगी में आम आदमी और खास आदमी के बीच की खाई इतनी गहरी हो गई है कि उसे पाट पाना अब बहुत मुश्किल हो चला है। जहाँ खास आदमी को सड़कों पर चलने के लिए बाहर की गाड़ियों का बुरा हाल करने का अधिकार है, वहीं आम आदमी को भी खुद की गाड़ी से ही काम चलाना पड़ता है। अब इस संवेदनशील मुद्दे पर फिल्म Kaagaz 2 की बात करें, जो कि एक आम आदमी के कठिनाइयों और उसकी लड़ाई को दर्शाती है। यह फिल्म आम इंसान के दर्द को हास्य के रंग में पेश करती है, जिससे दर्शकों को हंसी के साथ समाज के विचारों पर भी गहरा सोचने का मौका मिलता है।

फिल्ममेकरों ने इस फिल्म में खासा हँसी का तड़का मिलाया है। उन्होंने राजनीतिक दलों की हलचल, हड़तालों और धरनों के चलते आम लोगों की तकलीफों को किसी कामयाब कॉमेडी फिल्म के तरीके से दर्शाया है। राजनीतिक रैलियों के दौरान चार्जिंग बुल्स, हड़ताल के दौरान कोई भी सामान्य बाजार बंद हो जाता है और जब धरने पर बैठने की बारी आती है, तो जगह-जगह लोगों के अद्भुत भोजन की खबरें सुनने को मिलती हैं।

Kaagaz 2

Kaagaz 2 फिल्म की कहानी में आम आदमी के साथ जो हो रहा है, उसे हंसी के रंग में उतारा गया है। जिस तरह से आम आदमी की समस्याओं को दिखाया गया है, उससे हंसी के साथ ही समाज के विचारों पर भी गहरा सोचने का मौका मिलता है। फिल्ममेकर सतीश कौशिक के अभिनय कौशल ने इस फिल्म को और भी दिलचस्प बना दिया है। उनकी खुद की उन्नत अभिनय कला और व्यंग्य के जरिए उन्होंने दर्शकों को गहरी सोच के साथ हंसी का आनंद भी दिलाया है।

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इस फिल्म में राजनीतिक दलों की चलबाजी, राजनीतिक नेताओं के उदार वादों का सच का अंधाधुंध खुलासा किया गया है। आम आदमी को उनकी समस्याओं का समाधान नहीं मिलता, बल्कि उन्हें और अधिक मुश्किलों में डाल दिया जाता है। लेकिन उन्हें हंसी के रंग में दिखाकर दर्शकों को उनकी समस्याओं का सामना करवाते हुए, उन्होंने समाज की एक सच्चाई को प्रस्तुत किया है।

फिल्ममेकरों ने Kaagaz 2 के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को उजागर किया है, जिससे दर्शकों को गहरा सोचने का मौका मिलता है। वे अपनी कहानी के माध्यम से आम आदमी के दर्द और संघर्ष को दर्शाकर, उन्हें नेताओं के खोखले वादों पर विचार करने के लिए प्रेरित करते हैं। Kaagaz 2 एक ऐसी फिल्म है जो आम आदमी की समस्याओं को आधुनिक समाज के माध्यम से प्रस्तुत करती है, और हंसी के साथ ही दर्शकों को गहरा सोचने का भी मौका देती है। इस फिल्म को देखकर दर्शकों को नहीं सिर्फ हंसी का आनंद मिलेगा, बल्कि उन्हें अपने समाज की अवस्था पर भी गहरी सोचने का अवसर मिलेगा।

Kaagaz 2 Story:-

फिल्म Kaagaz 2 एक अत्यंत रोचक कहानी का परिचय देती है जो दो परिवारों के बीच के टकराव को दिखाती है। इस फिल्म में एक आम आदमी की सभी मुश्किलें, उसके जीवन में आए संघर्ष और उसकी कठिनाइयों का हास्य के साथ विवरण है। Kaagaz 2 की कहानी शुरू होती है इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आइएमए) में प्रशिक्षण लेने वाले उदय प्रताप सिंह के जीवन की। उसके पिता राज नारायण सिंह ने उसे बचपन में ही छोड़ दिया था और वह अब उसकी मां राधिका के साथ रहता है। उदय का पिता उसे लापरवाही का आरोप लगाते हैं, जिससे उदय को उनसे नाराजगी होती है। इसके बीच उदय की मां राधिका अपना बुटीक चलाती है।

दूसरी ओर, Kaagaz 2 की दूसरी कहानी एक पिता-बेटी की है। बेटी आर्या रस्तोगी एक यूपीएससी टॉपर है और आईपीएस अधिकारी बनने की सोच रही है। लेकिन, उसकी मौत हो जाती है जिसके कारण उसके माता-पिता के सपने उसी पल में टूट जाते हैं। दोनों ही परिवारों के जीवन में आये संघर्षों और मुश्किलों का अच्छे से बयान किया गया है। फिल्म में अत्यंत मजेदार संदेशों को हास्य के रूप में पेश किया गया है जो दर्शकों को हंसाने के साथ-साथ सोचने पर मजबूर करते हैं।

उदय प्रताप सिंह का किरदार दर्शन कुमार द्वारा ब्रिलियंट रूप से निभाया गया है। वह अपने पिता की खोज में निकलता है और उसके साथ जुड़कर अपने आप को साबित करने का प्रयास करता है। उनकी खोज में उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों में हंसी के साथ ही गहरा संघर्ष भी है। उदय के पिता का किरदार अनुपम खेर द्वारा विशेष रूप से अच्छे से निभाया गया है। उनके व्यक्तित्व का मार्मिक अन्वेषण करते हुए, दर्शकों को उनकी कहानी में जुड़ाव और गहराई का अहसास होता है।

दूसरी ओर, आर्या रस्तोगी का किरदार नीना गुप्ता द्वारा शानदार रूप में निभाया गया है। उसके व्यक्तित्व की मजबूती और संघर्ष को दर्शकों के सामने पेश करते हुए, वह उसके प्रयासों को समझने के लिए उनसे सहानुभूति और समर्थन करते हैं। फिल्म के दूसरे परिवार के किरदार सतीश कौशिक द्वारा बेहद मनोरंजक रूप में निभाए गए हैं।

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उनकी खोज में उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों में हंसी के साथ ही उनके चरित्र के गंभीरता का भी ख़्याल रखा गया है। फिल्म Kaagaz 2 में आम आदमी की पीड़ा, उसके संघर्ष और उसकी कठिनाइयों को हास्य के माध्यम से पेश किया गया है। दर्शकों को न केवल हंसाया जाता है, बल्कि उन्हें समाज की समस्याओं के प्रति भी सोचने पर मजबूर किया जाता है।

Kaagaz 2

Kaagaz 2 Screenplay:-

फिल्म Kaagaz 2 ने समाज में मौजूद संवादित समस्याओं को खुलकर सामने रखा है और दर्शकों को उनके साथ जुड़ने के लिए प्रेरित किया है। फिल्म में दिखाई गई समस्याओं के साथ-साथ, उनके समाधान की भी चर्चा की गई है। फिल्म में एक महत्वपूर्ण संदेश है कि कागजों पर लिखे नियम तब तक केवल शब्दों की सूची होते हैं, जब तक उन्हें अमल में नहीं लाया जाता। यह संदेश उस व्यवस्था को लेकर सवाल उठाता है जो आम इंसान को हाशिये पर रखती है। फिल्म में दिखाए गए कई संदेशों में से एक संदेश है कि नेताओं और सरकारी प्रधानों को अपने शब्दों के साथ काम करना चाहिए, और वे जो कहते हैं, उसे पूरा करना चाहिए।

Kaagaz 2 के क्लाइमेक्स में सुशील रस्तोगी के किरदार ने एक बड़ा संदेश दिया कि समाज के नेता और लोगों को आम आदमी के हित में निर्णय लेना चाहिए, न कि अपने स्वार्थ के लिए। उन्होंने यह बात दिखाई कि किस तरह समाज के नेताओं की रैलियों, हड़तालों और धरनों का सीधा असर आम लोगों के जीवन पर होता है। इसके साथ ही, वह साहसी तरीके से समाज में जागरूकता पैदा करते हैं और लोगों को सोचने पर मजबूर करते हैं।

Kaagaz 2 में पिता-पुत्र के बीच के विवाद का भी विस्तार से चित्रण किया गया है। यहाँ पर उदय प्रताप सिंह के पिता राज नारायण सिंह ने अपने परिवार की ओर से किए गए अमूर्त के चलते उदय को अपने व्यक्तित्व को पहचानने में समय लगा। इससे उदय का विकास होता है और वह अपने पिता की खोज में निकलता है।

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Kaagaz 2 में माता-पिता के अलगाव का प्रभाव भी बड़े ही संवेदनशील तरीके से दिखाया गया है। आर्या रस्तोगी के पिता सुशील रस्तोगी का व्यक्तित्व उनकी बेटी के व्यक्तित्व पर सीधा प्रभाव डालता है। इसके साथ ही, उदय के पिता राज नारायण सिंह की भूमिका भी अद्वितीय है, जिन्होंने अपने परिवार के साथ संघर्ष किया है और उदय को अपनी सहायता प्रदान की है। फिल्म में दिखाए गए संदेशों को उपन्यासित करने के साथ-साथ, हंसी का भी भरपूर उपयोग किया गया है। इससे दर्शकों को फिल्म देखते समय मनोरंजन का भी आनंद मिलता है और वे संदेशों को भी समझ पाते हैं।

Kaagaz 2 एक उत्कृष्ट फिल्म है जो समाज की विभिन्न समस्याओं को बड़े ही समझदारी और मनोहारी ढंग से पेश करती है। फिल्म में हास्य के साथ-साथ, गंभीरता और समजदारी का भी परिचय किया गया है, जिससे दर्शकों को न केवल मनोरंजन का आनंद मिलता है, बल्कि उन्हें समाज की समस्याओं के प्रति भी सोचने के लिए प्रेरित किया जाता है।

Kaagaz 2

अभिनय:-

Kaagaz 2 में दिवगंत सतीश कौशिक की भूमिका में सुशील रस्तोगी का कार्य बेहद प्रशंसनीय है। उन्होंने अपने अभिनय के माध्यम से एक लाचार पिता की भूमिका को बहुत ही सामान्यता और संवेदनशीलता से निभाया है। उनका अभिनय दर्शकों को उस पिता की कठिनाई और दुःख को समझने में मदद करता है, जिसका अपने बेटे के प्रति प्यार और जिम्मेदारी से भरा है।

Kaagaz 2 में अनुपम खेर ने भी अपने किरदार को बहुत ही सटीकता से निभाया है। वे अपने काम में उत्कृष्टता का परिचय देते हैं और उनका अभिनय दर्शकों को राज नारायण के भावनात्मक अनुभवों का पूरा अनुभव कराता है। उनके काम के माध्यम से, हम उनकी प्रतिभा और अभिनय की क्षमता का गहरा समर्थन करते हैं।

दर्शन कुमार ने भी उदय प्रताप सिंह के किरदार को विशेष रूप से जीवंत किया है। उन्होंने अपने अभिनय के माध्यम से उदय के भावों को समझाने में उत्कृष्टता प्रदर्शित की है। उन्होंने उदय के परिवार और समाज में अपने स्थान को समझने की गहराई को भी अपनाया है।

Kaagaz 2 में स्मृति कालरा, नीना गुप्ता, अनंग देसाई, किरण कुमार और करण राजदान ने भी अपनी भूमिकाओं को अद्वितीय ढंग से निभाया है। उनका अभिनय फिल्म की कहानी को और भी मजबूत बनाता है और दर्शकों को एक वास्तविक अनुभव प्रदान करता है।

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फिल्म Kaagaz 2 में अभिनेता की बखूबी से निभाई गई भूमिकाएँ उन्हें उनकी प्रतिभा का सही प्रतिनिधित्व करती हैं और दर्शकों को उनके कार्य का मजा लेने का मौका देती हैं। इसके अलावा, समाज के मुद्दों पर फिल्म की ध्यानाकर्षण क्षमता और हास्य के उपयोग से यह फिल्म दर्शकों को एक मनोरंजनीय और सामाजिक संदेश वाली कहानी प्रदान करती है।

फिल्म Kaagaz 2 में सतीश कौशिक, अनुपम खेर, नीना गुप्ता, दर्शन कुमार, स्मृति कालरा, और अनंग देसाई जैसे प्रमुख कलाकारों ने अपनी अद्वितीय भूमिकाओं में उत्कृष्टता प्रदर्शित की है। निर्देशक वीके प्रकाश और निर्माता सतीश कौशिक ने इस फिल्म को उच्च स्तरीय बनाने के लिए मेहनत की है। लेखक सुमन अंकुर और शशांख खंडेलवाल ने इस कहानी को अद्वितीयता और मनोरंजन के साथ लिखा है।

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