Anil Ambani की ये कंपनी हुई Share Market से D-List ।3 min read

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Reliance Capital Limited के shares की trading बंद होने और इसे stock market से D-list करने का निर्णय लिया जाना, एक बड़ी घटना है जो financial markets की दुनिया में चर्चा का विषय बन गई है। यह घटना Reliance Group के उद्योगपति Anil Ambani के business organization के लिए एक अवसर और संकट का सामना करवाती है।

Reliance Capital Limited, जिसे Relcorp या Reliance Capital के रूप में भी जाना जाता है, एक Indian financial institution है जो Financial Advice, Portfolio Management, और Other Financial Services प्रदान करती है। यह कंपनी Indian economy के महत्वपूर्ण खिलाड़ी में से एक थी, लेकिन हाल ही में इसके साथ गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं।

29 नवंबर, 2021 को, reserve Bank of India ने Reliance Capital Limited की समस्याओं की वजह से इसके बोर्ड को भंग करने का निर्णय लिया। यह निर्णय कंपनी के निर्माता Anil Ambani के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था और इसने कंपनी की भविष्यवाणी को uncertainty में डाल दिया। इसके बाद, कंपनी bankruptcy process से गुजरती हुई Hinduja Group की कंपनी IndusInd International Holdings के पास पहुंच गई। इस परिणामस्वरूप, Hinduja Group ने Reliance Capital के शेयरों को D-list करने का निर्णय लिया।

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D-list का निर्णय Anil Ambani के business organization के लिए एक महत्वपूर्ण पल था, क्योंकि यह उसके कंपनी के Partners and Investors के लिए एक मुश्किल कदम है। इसके बाद, Reliance Capital के शेयरों की ट्रेडिंग बंद हो गई है, जिससे Investors अपने निवेश को निकालने में परेशानी महसूस कर रहे हैं।

Anil Ambani

Anil Ambani के इस कदम से साफ हो जाता है कि उनके business matters में समस्याएँ हैं और वह अपने financial prudence को बचाने के लिए इस कदम पर मजबूर हो गए हैं। इस घटना से दिखता है कि Indian financial market में विश्वास कम हो रहा है और उद्योग के महत्वपूर्ण खिलाड़ी भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

Reliance Capital Limited की de-listing के निर्णय से यह साफ है कि Anil Ambani और उनके संगठन के लिए financial crises का सामना करना पड़ रहा है। यह घटना उनकी professional status को गंभीरता से सोचने पर मजबूर करती है और उन्हें उनके कंपनी के भविष्य के बारे में नयी रणनीतियों की खोज करने के लिए प्रेरित करती है।

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कर्ज में डूबी थी Anil Ambani कंपनी:-

Reliance Capital के शेयरों की मूल्य की डूबती लहर के साथ साझेदारों के लिए दुखद समाचार है। यह कंपनी, जो Financial advice, financial portfolio management, and financial services प्रदान करती थी, अब अपने निर्माता Anil Ambani के business failures के कारण संकट में है। इस निर्णय के परिणामस्वरूप, उसके शेयरों की ट्रेडिंग बंद हो गई है और उन्हें स्टॉक मार्केट से डी-लिस्ट कर दिया गया है।

26 फरवरी को, Reliance Capital के शेयरों की आखिरी trading हुई थी, जिस दिन एक शेयर की कीमत 11.90 रुपये थी। यह कार्यक्रम Reliance Capital के नाकामियों का एक प्रमुख परिणाम है, जिनकी वजह से उसके शेयरों की मूल्य में गिरावट आई है। जिस दिन शेयर का last trade हुआ, उससे पहले इसका उच्चतम मूल्य 2008 में 2700 रुपये से भी अधिक था।

Reliance Capital ने stock exchange filing में बताया कि कंपनी के equity shareholders का liquidation value 0 है और इसलिए, equity shareholders कोई भुगतान प्राप्त करने के हकदार नहीं होंगे। यह निर्णय अब तक के equity shareholders के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि उन्हें कोई भी payment नहीं मिलेगी जब उनके shares की trading बंद हो गई है।

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Reliance Capital के equity shareholders के लिए यह संकट का समय है, क्योंकि उन्हें अब कोई भी मूल्य नहीं मिलेगा और उनके निवेश का समापन हो चुका है। यह उनके financial protection को प्रभावित करेगा और उनके निवेश में नुकसान का कारण बनेगा। इससे साथ ही, उन्हें financial measures की तलाश करने की जरूरत होगी ताकि उन्हें अपने पूंजीकरण को सुरक्षित रखने के लिए सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिले।

Anil Ambani
Anil Ambani

Anil Ambani के इस Financial Crisis का एक मुख्य कारण उनके business failures में ढील देना है। उनकी कंपनी के विभिन्न व्यापारिक उपायों में समस्याएँ हैं और उन्हें private and public sector में नुकसान हो रहा है। इससे उनके financial protection पर प्रत्याशा डाली जा रही है, और उन्हें financial help की आवश्यकता हो सकती है।

इस परिस्थिति में, Anil Ambani को अपनी कंपनी के financial protection के लिए सकारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्हें अपनी कंपनी के नियंत्रण में वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए नई रणनीतियों की अपनाने की आवश्यकता है, साथ ही अग्रसर और अधिक समर्पित नेतृत्व की भी आवश्यकता है। Financial control में administrative and professional बेहतरी की दिशा में कदम उठाना महत्वपूर्ण होगा ताकि कंपनी अपनी स्थिति को सुधार सके और नियंत्रण में रह सके।

NCLT की मंजूरी:-

National Company Law Tribunal (NCLT) ने हाल ही में Reliance Capital के मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है, जिससे कंपनी की resolution plan को मंजूरी मिली है। इस योजना के अनुसार, Hinduja Group की कंपनी IndusInd International Holdings ने Reliance Capital को 9,650 करोड़ रुपये का समाधान प्रस्तावित किया है। इस समाधान योजना के तहत, lenders को 63% बकाया का नुकसान उठाना पड़ेगा।

इस निर्णय के साथ, NCLT ने Reliance Capital के खिलाफ 38,526.42 करोड़ रुपये के कुल दावों में से केवल 26,086.75 करोड़ रुपये के दावों को ही स्वीकार किया है। यह निर्णय कंपनी के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, क्योंकि इससे कंपनी को अपने financial crises से निपटने के लिए एक संभावित रास्ता मिल जाएगा।

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Reliance Capital के खिलाफ इस समय लगातार कई Legal and financial crises का सामना किया जा रहा है। यह निर्णय उनके लिए एक संकेत हो सकता है कि उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारने और उनकी lenders के साथ समझौता करने की आवश्यकता है। इससे न केवल financial perspective से कंपनी को लाभ होगा, बल्कि इससे कंपनी के Partners and Investors को भी trust and confidence मिलेगा।

Anil Ambani
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Hinduja Group की कंपनी IndusInd International Holdings की प्रस्तावित समाधान योजना द्वारा Reliance Capital को सहारा मिलेगा और उन्हें Financial Crisis से निकलने का मार्ग प्राप्त होगा। इससे कंपनी के lenders को समय पर भुगतान करने का अवसर मिलेगा और उनकी financial situation मजबूत होगी। इससे कंपनी की भविष्य की दिशा में भी सकारात्मक परिणाम हो सकता है।

दो बार हुई थी नीलामी प्रक्रिया:-

Anil Ambani : IIHL (Individual household latrine) ने स्वीकृत दावों का सिर्फ 37% यानी 9,661 करोड़ रुपये ही चुकाने पर सहमति जताई है. इसका मतलब है कि lenders को अपने बकाया दावों का 63% हिस्सा नहीं मिलेगा. Anil Ambani की कर्ज में डूबी कंपनी Reliance Capital के लिए दो बार नीलामी (Reliance Capital Auction) की गई थी. Hinduja Group की कंपनी IIHL ने अप्रैल में हुए नीलामी के दूसरे दौर में Reliance Capital को खरीदने के लिए 9,650 करोड़ रुपये की सबसे बड़ी बोली लगाई थी.

RBI ने नवंबर, 2021 में Anil Dhirubhai Ambani Group की कंपनी Reliance Capital के Board of directors को Administrative issues and payment defaults की वजह से बर्खास्त कर दिया था. उस समय RBI ने Nageshwar Rao Y को administrator नियुक्त किया था, जिन्होंने कंपनी का अधिग्रहण करने के लिए फरवरी 2022 में बोलियां आमंत्रित की थीं.

कितना था कर्ज:-

Anil Ambani : Reliance Capital के financial crises के समाधान के लिए अनेक योजनाओं की प्रस्तावना की गई थी, लेकिन इन समाधानों के साथ-साथ कुछ आवेदकों ने शेयरों के लिए दान देने की भी प्रस्तावना की थी। परंतु, आवेदकों के द्वारा प्रस्तावित मूल्य को लेनदारों द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया और इसके परिणामस्वरूप दूसरे दौर की नीलामी की गई।

दूसरे दौर की नीलामी में Torrent Investments ने Reliance Capital के शेयरों को खरीदने के लिए 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। इसके साथ ही, IIHL भी इस नीलामी में शिरकत की थी। यह नीलामी संभवतः Reliance Capital के वित्तीय संकट को हल करने और कंपनी को पुनः स्थायित्व प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

Reliance Capital के financial crises के समाधान के लिए विभिन्न योजनाएं प्रस्तावित की गई थीं, लेकिन इनमें से कुछ योजनाएं लेनदारों द्वारा स्वीकृत नहीं की गईं। इसके बाद दूसरे दौर की नीलामी का आयोजन किया गया, जिसमें Torrent Investments और IIHL ने शिरकत की। Torrent Investmentsने इस नीलामी में 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाई, जो कंपनी के वित्तीय संकट को हल करने के लिए महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। इसके अलावा, IIHL के भी इस नीलामी में शिरकत की गई, जो वित्तीय संकट को समाधान करने में मदद कर सकती है।

Anil Ambani
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इस नीलामी के माध्यम से Reliance Capital को एक नया confrontational मार्ग दिखाई गया है, जो कंपनी को उसके financial crises से बाहर निकालने में मदद कर सकता है। इससे Reliance Capital के Shareholders and Investors को भी एक आशा की किरण मिली है कि कंपनी अपने वित्तीय स्थिति को सुधारकर पुनः उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ेगी।

Anil Ambani : Torrent Investments and IIHL जैसी financial institutions की शिरकत से Reliance Capital को उसके financial crises को हल करने और संघर्ष करने के लिए एक मजबूत समर्थक मिला है। इससे कंपनी के Shareholders and Investors को भी एक आशा की किरण मिली है कि कंपनी अपने financial crises से बाहर निकालकर पुनः उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ेगी।

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