Article 370 Review: Yami Gautam की solid acting से engaging बना reality की पोटली में बंधा fiction2 min read

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Article 370 का trailer देखने के बाद सबसे पहली बात दिमाग में यही आई थी कि सरकार के फैसलों की गाथा गाने वाली एक और film झेलनी पड़ेगी और ऐसा feel होने में अब दर्शकों की कोई खास गलती भी नहीं है, क्योंकि पिछले कुछ समय में इस तरह की इतनी films आ चुकी हैं कि bollywood खुद अपना एक ‘political department’ बना सकता है।

खैर, heavy risk के साथ फिल्म देखी गई और पाया गया कि अगर ‘political decisions पर based film को थोड़ा side रखकर देखा जाए तो Article 370 engage करने में तो कामयाब होने वाली film है। Producer आदित्य धर की ये फिल्म बिल्कुल उसी zone में operate करती है, जिसमें उनकी खुद की direct की हुई ‘Uri: The Surgical Strike’ थी। Article 370 सरकार के एक historical decisions, उस फैसले को ground पर लागू करने वाले लोगों, फैसले के पीछे की planning-plotting और बिना किसी को कानोंकान खबर हुए उसके कामयाब होने को celebrate करती है।

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Article 370 Review

फिल्म की कहानी Political tension and national level के निर्णयों पर ध्यान केंद्रित करती है। यह एक high thrust story है, जो indian politics के विवादों और उसकी reality को उजागर करती है। इसमें नियंत्रण के लिए लड़ रहे नेताओं के बीच की टकराव, राष्ट्रीय स्तर पर निर्णयों की उत्पत्ति के पीछे की रणनीति, और उन लोगों की कहानी शामिल हैं, जो इन निर्णयों के प्रभाव को सहन कर रहे हैं।

Film के कई characters ने अपनी acting के माध्यम से दर्शकों को emotional methods से जोड़ा है। amazing directorial skills के साथ, फिल्म के पात्रों की जीवंतता और प्रस्तुति ने फिल्म को और भी अद्वितीय बनाया है।

Article 370 की विशेषता यह है कि यह न केवल एक political film है, बल्कि यह एक personal story है जो इस प्रकार की गहराई और राजनीतिक दायरे को repletion से साझा करती है। फिल्म की कहानी में उन लोगों के जीवन की boring pictures हैं, जो इस निर्णय के पीछे के mystery को सुलझाने के लिए समर्थ हैं। यह फिल्म न केवल Political Views से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसमें personal struggle and success की कहानी भी है।

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‘Uri: The Surgical Strike जैसी फिल्में खबरों में बहुत पॉपुलर थीं, लेकिन उनके बारे में अधिक जानकारी नहीं थी कि ये कैसे हुआ और किस तरह किया गया। ‘उरी’ ने लोगों को उस समय के घटनाक्रमों को दिखाया जो खबरों में छपे शब्दों को रियलिटी की तरह दिखा रही थीं, लेकिन यह थी एक डायरेक्टर की इमेजिनेशन।

इसी तरह, ‘Article 370’ भी audience को एक और historical event के visuals देने का काम करती है। यह फिल्म उन घटनाओं को दिखाती है जिनके बारे में लोग शायद सुने थे, लेकिन उन्हें reality में देखने का मौका नहीं मिला था। इस तरह, फिल्म दर्शकों को उस समय की घटनाओं को liveliness के साथ प्रस्तुत करके उनकी जागरूकता बढ़ाती है और उन्हें उस समय की भावना को अनुभव करने का अवसर देती है।

बुरहान वानी की कहानी से शुरू होती Article 370 की कहानी:-

फिल्म “Article 370” एक historical event पर आधारित है और इसका कहानीकार ने इसे chapter वाले style में पेश किया है। यह chapter कश्मीर के Burhan Wani Episode से शुरू होते हैं और Pulwama Attack के बाद आगे बढ़ते हैं। फिल्म दर्शकों को एक ऐसे समय की याद दिलाती है जब Indian government को कश्मीर की तकदीर बदलने के लिए तैयार होने का अनुभव हुआ था। इस फिल्म में दिखाए गए घटनाक्रमों के माध्यम से लोगों को उस समय की भावनाओं को महसूस करने का अवसर मिलता है।

Yami Gautam ने ‘आर्टिकल 370’ में एक शानदार प्रदर्शन किया है, जिसे उनकी करियर की सबसे बेहतरीन performance कहा जा सकता है। उनके expressions और आवाज की बेहतरीन उपयोगन करने से उनकी closeups में अद्वितीय असर छोड़ते हैं। प्रियामणि भी एक दमदार प्रदर्शन करती हैं और उनका किरदार दर्शकों के दिल में स्थान बना लेता है।

Vaibhav Tattvaadi and Raj Arjun की performance भी यादगार हैं और फिल्म में उनका योगदान महत्वपूर्ण है।की कहानी Intelligence Officer Juni Haksar (Yami Gautam) के एक mission से शुरू होती है, जिसमें उनके निशाने पर Burhan Wani होते हैं। Juni का operation कश्मीर में बवाल खड़ा कर देता है, जिसके बाद उसे दिल्ली बुलाया जाता है। दिल्ली में प्रधानमंत्री के High Rank Official Rajeshwari Swaminathan (Kiran Karmarkar) कश्मीर के हालात को लेकर active हैं और सरकार के ‘Kashmir Vision’ को रियलिटी में लाने पर काम कर रही हैं। फिल्म में Prime Minister and Home Minister के नाम नहीं लिए गए हैं, मगर उनके किरदारों को देखकर ही आप समझ जाते हैं कि ये कौन हैं।

Rajeshwari Juni को वापस कश्मीर भेजती हैं और उन्हें कश्मीर में Anti-India activities और लोगों को काबू करने का मिशन देती हैं। Juni का mission है कश्मीर में स्थिति को स्थिर करना ताकि सरकार अपने फैसले बिना चिंता के ले सके। फिल्म के शुरुआती हिस्से में ही यह स्पष्ट हो जाता है कि juni इस काम में किसी भी तरह ढीली नहीं पड़ने देती हैं।

फिल्म Article 370 में juni की नजर से कश्मीर के हालात, वहां की Politics and Bureaucracy पर कमेंट्री मिलती है। वहीं, Rajeshwari दिल्ली की राजनीति का जायका आपतक पहुंचाती हैं। सेकंड हाफ में Prime Minister and Home Minister की entry बाद फिल्म का माहौल ही बदल जाता है। ऐसा लगता है कि सारा फोकस उनपर पहुंच गया है, लेकिन ये तो होना ही था, आखिरी वो किरदार ही ऐसे हैं!

फिल्म Article 370 में भारत के Home Minister Amit Shah की parliament speech को recreate किया गया है, जो फिल्म के Narrativeमें काफी असरदार है। Kiran Karmarkar and Arun Govil ने Prime Minister and Home Minister के किरदार को बेहतरीन संजीदगी के साथ पेश किया है।

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क्या भला-क्या बुरा:-

Article 370 एक फिल्म है जो Reality and fiction के बीच की लकीर पर बड़ी चतुराई से चलती है। यह फिल्म पॉलिटिकल समझ और असल घटनाओं को पूरे facts के साथ देखने वाले लोगों को बहुत गलतियां मिल सकती हैं, लेकिन फिल्म में इसका पूरा drama बड़ी कलाकारी के साथ रचा गया है और थ्रिलिंग तरीके से आगे बढ़ता है।

Article 370 फिल्म में real घटनाओं को बेहतरीन संजीदगी के साथ पेश किया गया है। यहां पर Prime Minister and Home Minister के किरदार को बड़ी मेहनत और सावधानी से निभाया गया है, जो फिल्म को और भी realistic बनाता है। साथ ही, फिल्म में indian politics की वास्तविकता को समझाने का प्रयास किया गया है, जिससे दर्शकों को एक सामान्य समझने में मदद मिलती है।

Article 370 में कहानी को थ्रिलिंग तरीके से पेश किया गया है। दर्शकों को स्थितियों के उलझनों और राजनीतिक चेहरों के बीच का संघर्ष देखने का मौका मिलता है। फिल्म का प्लॉट बेहद गतिशील है और रोमांचक मोमेंट्स से भरपूर है, जो दर्शकों को फिल्म में आसानी से खींचता है।

Article 370 फिल्म में विभिन्न किरदारों की अभिव्यक्ति और उनकी परस्पर संवादों को भी विशेष ध्यान दिया गया है। इससे दर्शकों को अधिक से अधिक संवेदनशीलता मिलती है और वे किरदारों के संवादों में जुड़ जाते हैं। Article 370 एक फिल्म है जो Reality and fiction को एक साथ मिलाकर प्रस्तुत करती है। इसकी दिलचस्प कहानी, उत्कृष्ट अभिनय और thrilling narrative ने दर्शकों को फिल्म में खींच लिया है और इसे एक अद्वितीय अनुभव बनाता है।

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Article 370 एक फिल्म है जो reality के बहुत करीब वाले fictions को facts थोड़ा दूर ले जाती है, लेकिन इसे thrilling ways से पेश किया गया है। फिल्म का पूरा Narrative background score से बहुत help मिलती है, जिससे दर्शकों को एक वातावरण मिलता है जो उन्हें कहानी में डूबने में मदद करता है। Cinematography, Sound and Production के मामले में भी यह एक technically solid film है। फिल्म में long disclaimer दिए गए हैं, जो दर्शकों को समझाते हैं कि यह कहानी fiction है, fact नहीं।

यामी गौतम और अन्य एक्टर्स की दमदार परफॉरमेंस फिल्म को एंगेजिंग बनाती है। फिल्म के दौरान संविधान की टेक्निकल चीजों को समझाने की कोशिश होती है, लेकिन इससे नारेटिव को थोड़ा सा धीमा किया जाता है। हालांकि, यह फिल्म अटेंशन होल्ड करने में कामयाब होती है, जिसमें इसका लंबा रनटाइम भी एक महत्वपूर्ण कारक है।

Article 370 को देखने से पहले यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह एक फिक्शनलाइज्ड कहानी है और इसे फैक्ट्स के साथ मिलाना गलत हो सकता है। इस फिल्म में पॉलिटिकल लकीर को बहुत हेल्प मिलती है, जिससे दर्शकों को एक अच्छा समझने का मौका मिलता है।

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