Paytm Bank को आरबीआई के एक्शन का सामना करना पड़ रहा है जिसके परिणामस्वरूप कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट हो रही है। इसका सीधा परिणाम है कि दो दिनों में ही Paytm Bank के शेयर 40 फीसदी टूट गए हैं। इस समय में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Paytm Bank पर एक्शन लेने का एलान किया है। सूत्रों के अनुसार, आरबीआई को मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) संबंधी चिंताओं की सूचना मिली है और इसके परिणामस्वरूप रिजर्व बैंक ने विजय शेखर शर्मा द्वारा संचालित इकाइयों पर शिकंजा कसा है।
सूत्रों के अनुसार, आरबीआई को मनी लॉन्ड्रिंग और धन शोधन के संदिग्ध लेनदेन की चिंता है, जो कि Paytm Bank लिमिटेड के विवादास्पद लेनदेन से संबंधित हैं। इसके अलावा, विजय शेखर शर्मा द्वारा संचालित इकाइयों के बीच सैकड़ों करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन के लिए भी आरबीआई के एक्शन का कारण बना है। Paytm Bank लिमिटेड के पास लाखों गैर-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालन वाले खाते थे, जिनमें से कई खाते हजारों मामलों में कई बैंक अकाउंट्स खोलने के लिए एक ही पैन का उपयोग किया गया था। यानी 1 पैन पर 1000 बैंक अकाउंट खोले गए।
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रिजर्व बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि यह लोगों के धन को सुरक्षित रखने के लिए निगरानी रखने वाले नियामकों और निगरानी संबंधित अधिकारियों के लिए एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है। Paytm Bank के एक प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर विस्तार से बातचीत करते हुए कहा कि कंपनी ने हमेशा ही सभी स्थानीय नियामकों और निगरानी संबंधित अधिकारियों के साथ पूरी तरह सहयोग किया है और आरबीआई की निगरानी में रहने के लिए सहायक है।
Paytm Bank ने बैंक निगरानी और आदेश निगरानी के साथ सहयोग बनाए रखने का दावा किया है और इसने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों में सही दिशा में कदम बढ़ाने का आश्वासन दिया है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक की बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की गति से जुड़े सूत्रों के अनुसार, आरबीआई की चिंताएं उच्च नहीं हैं, लेकिन कुछ विशेष खातों में भीड़ जुट जाने की चिंता है।
बैंक की दुर्गंध, धन की गुंजाइश, लागत और सुरक्षा को लेकर सूत्रों का कहना है कि रिजर्व बैंक के एक टीम ने Paytm Bank की दो शाखाओं में संचालन किया और उनके खातों में आए लेनदेन की सजगता को सुनिश्चित करने के लिए परिदृश्य समीक्षा की है।
इस तरह के संदिग्ध लेनदेन की सूचना बाहरी बैंकों से मिली है जिन्होंने विशिष्ट खाताधारकों और ट्रांजैक्शन्स को लेकर शंका जताई है। Paytm Bank के एक प्रवक्ता ने इस सम्बंध में बताया कि कंपनी ने सभी नियामकों और निगरानी संबंधित अधिकारियों के साथ बिना किसी आपत्ति के सहयोग किया है और वह इस सतत सहयोग को बनाए रखने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
इस बीच, Paytm Bank ने अपने इंटरनल आइटी निगरानी के स्तर पर और उसकी बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की गति से जुड़े सूत्रों को बताया कि उसने विभिन्न क्षेत्रों में सशक्त और सुरक्षित नियामकों की निगरानी को बढ़ावा दिया है। सूत्रों के अनुसार, पेटीएम पेमेंट्स बैंक की ओर से सभी बैंकिंग कार्यों को सावधानीपूर्वक संचालित किया जा रहा है और सभी अवैध और संदिग्ध लेनदेन के खिलाफ सक्रिय रूप से कदम उठाए जा रहे हैं।
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इसके बावजूद, बैंक के शेयरों में हुई गिरावट ने बाजार को हिला दिया है और इसके परिणामस्वरूप पेटीएम के शेयरों की मूल्यवृद्धि में भी रुकावट आ गई है। इस घड़ी में, यह जरूरी है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक सरकारी और निजी संस्थानों के साथ समर्पित रहे, सुरक्षित बैंकिंग अनुस्थानों को अभिवृद्धि करने के लिए और सभी संदिग्ध लेनदेन की जांच के लिए सहयोग करने के लिए। इस बारे में और अधिक जानकारी के बिना, इस समय तक पेटीएम पेमेंट्स बैंक के साथ हो रहे आरबीआई के एक्शन की पूरी चित्रा नहीं बन सकती है।
29 फरवरी के बाद Paytm Bank पर लग सकता है ताला
आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के खिलाफ लिये गए एक्शन के बाद एक नया कदम उठाया है, जिससे पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी 2024 के बाद जमा या टॉप-अप स्वीकार नहीं करने का आदेश है। यह निर्देश आरबीआई की चिंताओं को दर्शाता है और इस निर्देश के परिणामस्वरूप पेटीएम पेमेंट्स बैंक को लाइसेंस रद्द करने की संभावना है।
आरबीआई के इस नए कदम का प्रमुख कारण व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट है। इन रिपोर्टों में सामग्री पर्यवेक्षण और नियमों के गैर-अनुपालन के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक की गंभीर चिंताएं उजागर हो रही हैं।
आरबीआई ने पहले ही एक्शन लेते हुए कहा था कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को निगरानी में रखा जा रहा है और उसकी गतिविधियों को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद के कदम के रूप में, आरबीआई ने नए निर्देश जारी किए हैं, जो पेटीएम पेमेंट्स बैंक को और भी सख्ती से आत्मसमीक्षण करने के लिए बोलते हैं।
इस नए निर्देश के बाद, पेटीएम पेमेंट्स बैंक को बड़ा झटका लग सकता है। इसके बारे में सूचना मिलते ही इसके शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे बाजार में हलचल मची है। आरबीआई का तर्क है कि यह कदम उसकी चिंताओं और निगरानी से जुड़े सूचनाओं के आधार पर उठाया गया है, जिसमें पेटीएम पेमेंट्स बैंक के गैर-अनुपालन से जुड़े चीजों की चर्चा है।
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विशेष खातों और ट्रांजैक्शन्स में संदिग्धता का सामना करने के बाद, आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को एक सीजन और आत्मसमीक्षण करने के लिए कहा है। इसके बाद ही देखा जाएगा कि क्या यह बैंक नए निर्देशों का पूरी तरह से पालन करता है और कैसे इसे आरबीआई के द्वारा तय की गई मुख्य चिंताओं का सामना करना पड़ता है।
पेटीएम पेमेंट्स बैंक को इस समय में सरकारी और निजी बैंकिंग संस्थानों के साथ समर्पित रहना होगा ताकि सुरक्षित बैंकिंग अनुस्थानों की बढ़ोतरी हो सके और सभी संदिग्ध लेनदेन की जांच के लिए सहयोग किया जा सके। यह भी महत्वपूर्ण है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक बाजार में भरपूर विश्वास बनाए रखने के लिए शक्तिशाली कदम उठाए ताकि उसकी ग्राहकों में कोई संदेह नहीं रहे।
इस पूरे मामले से साफ है कि Paytm Bank को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है और यह आरबीआई के निर्देशों का पूरी तरह से पालन करे ताकि बाजार में भरोसा बना रहे। अब इस पूरे मामले की नई जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है, जिससे हम यह सुनिश्चित कर सकें कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को कैसे प्रभावित किया जाएगा और यह किस तरह के सुधारों की ओर बढ़ रहा है।
11 मार्च, 2022 को भी लिया था एक्शन
आरबीआई ने इसके पहले 11 मार्च, 2022 को Paytm Bank को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को जोड़ने से रोक दिया था। आरबीआई ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों को बचत बैंक खाते, चालू खाते, प्रीपेड माध्यम, फास्टैग, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सहित अपने खातों से शेष राशि की निकासी या उपयोग की अनुमति किसी प्रतिबंध के बगैर दी जाएगी।
वन97 कम्युनिकेशंस के पास पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है लेकिन वह इसे अपनी सहयोगी के रूप में वर्गीकृत करता है, न कि अनुषंगी कंपनी के रूप में। सूत्रों ने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के पास लाखों गैर-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) अनुपालन वाले खाते थे और हजारों मामलों में कई खाते खोलने के लिए एक ही पैन का उपयोग किया गया था।
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मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका से इनकार नहीं
सूत्रों ने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं, जहां लेनदेन का कुल मूल्य करोड़ों रुपये में है, जिससे धन शोधन की चिंताएं बढ़ रही हैं। एक विश्लेषक के मुताबिक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास करीब 35 करोड़ ई-वॉलेट हैं। इनमें से लगभग 31 करोड़ निष्क्रिय हैं, जबकि केवल लगभग चार करोड़ ही बिना किसी शेष राशि या बहुत कम शेष के साथ सक्रिय होंगे।
सूत्रों ने कहा कि असामान्य रूप से बड़ी संख्या में निष्क्रिय खातों का उपयोग फर्जी खातों के लिए में किए जाने की आशंका है। ऐसे में केवाईसी में बड़ी अनियमितताएं हुईं है, जिससे ग्राहकों, जमाकर्ताओं और वॉलेट धारकों को गंभीर जोखिम का सामना करना पड़ा। सूत्रों ने कहा कि बैंक द्वारा प्रस्तुत अनुपालन कई मौकों पर अधूरा और गलत पाया गया।
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