Kaagaz 2 Review | आम इंसान के दर्द को उकेरने के साथ राजनीतिक व सामाजिक व्यवस्था पर चोट करती है ‘कागज 2’
Kaagaz 2 : आजकल की जिंदगी में आम आदमी और खास आदमी के बीच की खाई इतनी गहरी हो गई है कि उसे पाट पाना अब बहुत मुश्किल हो चला है। जहाँ खास आदमी को सड़कों पर चलने के लिए बाहर की गाड़ियों का बुरा हाल करने का अधिकार है, वहीं आम आदमी को भी … Read more