पांच फरवरी को यूपी सरकार ने सदन में पेश होने वाले UP Budget में विभिन्न क्षेत्रों के लिए आपूर्ति और विकास की योजनाएं दर्ज की हैं। इस बजट में कृषि और धार्मिक पर्यटन को विशेष तवज्जो देने का सुझाव किया गया है। कृषि क्षेत्र में, सरकार ने किसानों के लिए नई योजनाएं और उन्हें समर्थन प्रदान करने के लिए वित्तीय संकेत दिए हैं। नए और अद्यतित कृषि तकनीकों को प्रमोट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे किसानों को अधिक उत्पादन और उनकी आय में वृद्धि हो।
धार्मिक पर्यटन क्षेत्र में भी विकास की योजनाएं हैं, जो प्राचीन धार्मिक स्थलों को पुनर्निर्माण और सुधारने का उद्दीपन करती हैं। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सुविधाएं और आकर्षणों में सुधार करने का भी उल्लेख किया गया है। यह बजट उत्तर प्रदेश के विकास और समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने का प्रयास करता है, साथ ही स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने का भी माध्यम प्रदान करता है।
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उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने रविवार को विधानसभा में प्रस्तुत होने वाले UP Budget पर हस्ताक्षर करके इसे आधिकारिक रूप से मंजूरी दी। इस UP Budget का आकार 7.5 लाख करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है और इसका मुख्य फोकस आटिफिशियल इंटेलीजेंस, सोलर ऊर्जा, धार्मिक पर्यटन, कृषि, उद्योग, और एमएसएमई (Micro, Small, and Medium Enterprises) पर होने की संभावना है।
UP Budget में प्रदेश को आर्थिक समृद्धि की दिशा में बढ़ावा देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में योजनाएं और प्रोजेक्ट्स पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। सोलर पॉलिसी के अंतर्गत सोलर सिटी पर विशेष फोकस किया जाएगा, जिससे एक नए और शक्तिशाली ऊर्जा स्रोत की स्थापना हो सकती है।
UP Budget में आटिफिशियल इंटेलीजेंस के विकास के लिए भी प्रमोशन दिखाया जा रहा है, जिससे तकनीकी उन्नति में गुणवत्ता और वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही, कृषि और उद्योग से जुड़ी योजनाएं और प्रोजेक्ट्स बजट में समाहित की जा रही हैं, जिनसे इन क्षेत्रों में विकास हो सकता है। बजट में समृद्धि और विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योजनाएं हैं, जिनसे प्रदेश को आर्थिक और सामाजिक सुधार में मदद मिल सकती है।
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युवाओ के लिए क्या खास है UP Budget में
बजट में युवाओं के लिए विशेष वित्तीय प्रावधान के तहत, लैपटॉप और टेबलेट्स के लिए धन आलोकित किया जा सकता है, जिससे उन्हें शिक्षा और तकनीकी उन्नति में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, इंडिस्ट्रयल कॉरीडोर के लिए पैकेज और ओडीओपी (Odisha’s Development Impact Programme) पर भी विशेष ध्यान दिया जा सकता है, जिससे राज्य के उत्थान और विकास में सहारा मिल सकता है।
बजट में केंद्र सरकार की योजनाओं में राज्यांश की व्यवस्था पर भी केंद्रित होने की संभावना है, जिससे प्रदेश को केंद्र से अधिक समर्थन मिल सकता है और विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति बढ़ा सकती है। यह एक समृद्धि सृष्टि करने के लिए अच्छी योजना हो सकती है।
बजट में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के लिए भी प्रावधान हो सकता है, जिससे तकनीकी उन्नति और नवाचार में सुधार हो सकता है। एआई के विकास के लिए शुरुआती पूंजी का निर्धारण करने से इस क्षेत्र में नए अवसरों का सामना किया जा सकता है।
ज्यूरिख (स्विटजरलैंड) की जिस नामचीन ईटीएच यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने पढ़ाई की थी, उसके साथ नोएडा की गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी में एक एआई सेंटर खोला जाना प्रस्तावित है। इसमें माइक्रोसॉफ्ट और सैमसंग भी मदद करेगा। शासन में इन मामलों को डील करने के लिए एआई विभाग भी बनाने की योजना है। सूत्रों के मुताबिक, बजट में सरकार की एआई संबंधी दिशा की झलक भी मिलेगी।
सर्व समावेशी होगा योगी-2 सरकार का तीसरा बजट : सुरेश खन्ना
यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि यूपी सरकार का तीसरा सर्व-समावेशी बजट, जिसे वह ‘सर्व-स्पर्शी बजट’ भी कहते हैं, प्रधानमंत्री के नारे “विकसित राष्ट्र – रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, आत्मनिर्भर बनाएं” पर आधारित है। इसमें प्रदेश के समग्र विकास के साथ-साथ, अधुनातन ढांचे के पुनर्निर्माण, गरीबों, वंचितों, युवाओं, महिलाओं, और किसानों की मुख्यधारा में लाने का उद्देश्य है।
उन्होंने बताया कि बजट का निर्माण प्रदेश के समृद्धि और विकास के स्तर को मजबूत करने की दिशा में किया गया है ताकि सभी वर्ग और क्षेत्रों में समानता हो सके। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में वित्तीय अनुशासन और मार्गदर्शन में यूपी की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए काम किया जा रहा है।
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UP Budget में प्रमुख बिंदुओं का विश्लेषण करने के लिए, सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश में शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए शिक्षा क्षेत्र में 19,303 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान किया गया है। इसमें स्कूल शिक्षा को मजबूत करने के लिए रूपये का 11,218 करोड़ का अलग से पूंजीगत करने का विचार किया गया है। साथ ही, राजकीय कल्याणपुर्ति एवं स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत करने के लिए वित्तीय समर्थन की गई हैं।
इसके अलावा, सरकार ने प्रदेश में आधारभूत ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया है। इसमें सड़क, पुल, ब्रिज, और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए निर्धारित किए गए हैं।
सुरेश खन्ना ने बताया कि बजट के माध्यम से यूपी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं लॉन्च की जा रही हैं। उनमें से एक है ‘मुख्यमंत्री नियोजना सुरक्षा’, जिसका लक्ष्य गरीब और वंचित परिवारों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सुरक्षित करना है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र को बनाए रखने के लिए विशेष प्रावधान किया गया है और इसमें किसानों को सुनिश्चित मूढ़ानुकूलित मूबी देने के लिए रूपये का विशेष प्रावधान शामिल है। इसके साथ ही, एक करोड़ गाँवों को जल, सड़क, और बिजली के साथ जोड़ने के लिए अलग से बजट की घोषणा की गई है।
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बजट में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए विशेष प्रावधानों के माध्यम से सुरक्षित किया जा रहा है, जिससे राज्य में विकास की गति बढ़ाई जा सकती है और विभिन्न क्षेत्रों में समानता हो सकती है। सुरेश खन्ना ने यूपी के भविष्य को समृद्धि और समृद्धि की ओर बढ़ाने के लिए इस बजट के महत्वपूर्ण पहलुओं की बहास की है और कहा है कि इससे विकास के पथ पर मजबूत कदम बढ़ाया जा सकता है।
सुरेश खन्ना ने कहा कि 1 फरवरी को संसद में प्रस्तुत अंतरिम बजट 2024-25 में यूपी को केंद्रीय करों में राज्यांश के हिस्से के रूप में 2,18,816 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। केंद्रीय बजट में गरीब, महिला, युवा और किसान का विशेष ध्यान रखा गया है। केंद्रीय बजट में अवस्थापना विकास पर अधिक जोर दिया गया है, जिसका सर्वाधिक लाभ उत्तर प्रदेश को मिलेगा।
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